आँखों ही आँखों में करे बातें
गुपचुप गुपचुप गुपचुप होए
फुस फुस फुस फुसख़्वाबों की नदी में खाए गोतेआला आला मतवाला बर्फी
पाँव पड़ा मोटा छाला बर्फी
रातों का है ये उजाला बर्फी
गुमसुम गुमसुम ही मचाये ये तो उत्पात
खुराफाती करे नॉन-स्टॉप
मौला इसी से बचाई ले
कभी न रुकता रे, कभी न थमता रे
रंग जो दिखा उसे खुशियों की ठोकर मारे
पलकों की हरमुनिया, नैनों की ग रे स रेधड़कन की रिदम पे ये गाता जाए गाने प्यारे
भोला न समझो ये चालू खिलाडी है बड़ा
सूरज ये बुझा देगा, मारेगा फूँक ऐसी
चौक तलैय्या पीपल छैय्या
हर कूचे की ऐसी तैसी
आँखों ही आँखों में करे बातें
गुपचुप गुपचुप...
बर्फी जो अम्मा जी की कोख में था सोया
अम्मा ने मर्फी का रेडियो मंगाया
मर्फी मुन्ना, जैसा लल्ला
अम्मा का था सपना
मुन्ना जब हौले-हौले दुनिया में आया
बाबा ने सीलोन वाला स्टेशन लगाया
रेडियो ऑन हुआ, अम्मा ऑफ हुई
टूटा हर सपना
मुन्ना म्यूट ही आसूं बहाए
मुन्ना झुनझुना सुन भी न पाए
आला आला मतवाला बर्फी
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